Thought for the day
2 Dec 2024
राजनीतिक और भूख
हम फैलातें हैं, भूखमरी।
मरते हैं भूख से बच्चे, बूढ़े और जवान
और फिर रोटी के टुकड़े फेंककर खींचते हैं फोटो
और फिर हमें भूख से बचाते हैं
बच्चे, बूढ़े और जवान
---------------
इंसान का अहंकार
इंसान का अहंकार शरीर के मरने के साथ खत्म नहीं होता, जन्म जन्मांतर का साथ निभाता है, अगले जन्म में साँस लेने के साथ फिर चालू हो जाता है और वह मूर्ख यह भी नहीं जानता उसके सब कष्टों और बार बार जन्मों का कारण यही अहंकार है।
---------------
We must explain to you how all seds this mistakens idea off denouncing pleasures and praising pain was born and I will give you a completed accounts..
Contact Us