राजनीति
नेता जब बन जाओगे
तुम बदल जाओगे
पैसा और रिश्ता गाओगे
चमचों दलालों को अपनाओगे
कार्यकर्ता, वoटर भूल जाओगे.
---------------
विडंबना है भारी
सेवक बना राजा
खजाना किया खाली
मालिक हुआ भिखारी
---------------
आखिर मन मर जाता है
और संघर्षरत इंसान
वर्तमान की नदी में बह जाता है।
---------------
We must explain to you how all seds this mistakens idea off denouncing pleasures and praising pain was born and I will give you a completed accounts..
Contact Us