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आज का संस्करण

नई दिल्ली, 21 मार्च 2024

बुरा ना मानो होली है।

डोनाल्ड ट्रंप और बरसाने की लट्ठमार होली।

सुभाष चंदर

होली का मौसम था। मोदी जी पी एम हाऊस में अलसाए  से बैठे थे । टेबल पर एक तरफ भांग का गिलास रखा था, दूसरी तरफ प्लेट में गुंजिया रखी थीं। सामने टीवी पर  विज्ञापन आ रहा था जिसमें वह देशवासियों को होली खेलने की मोदी की गारंटी  दे रहे थे । मोदी जी बड़े श्रृद्धा भाव से भांग के घूंट मारते हुए  विज्ञापन देख रहे थे।

तभी फोन की घंटी बजी। उठाया तो उधर  डोनाल्ड ट्रंप थे।बिना दुआ सलाम के ही ट्रंप ने शिकायती स्वर में कहा ,-" मिस्टर मोदी,हम आपसे बहुट नाराज़ हैं, पहले जब हम अमेरिका का प्रेजिडेंट का नौकरी करटा था,टब आप हमको खूब इज्जट  डेटा ठा। पर अब आप हमको दोस्ट नहीं मानता ।  दोस्ट मानटा टो त  हमको इंडिया में होली खेलने का इन्विटेशन जरूर डेटा। हम आपको बटाटा है कि हम ही डुबारा प्रेसिडेंट बनेगा। आप लोग खुद टो देवर भाभी ,जीजा साली का होली डेखटा। खुद भी होली खेलटा । पर हमको नहीं बटाटा, वो तो शशि थरूर हमको बटा दिया,वरना हम टो बिना होली खेले ही रह जाटा।"

यह सुनते ही  मोदी जी  का माथा ठनका।  समझ गए ये सारा रायता शशि  थरूर का फैलाया हुआ है। सो पहले राउंड में  उन्होंने थरूर को पूरे  दर्जन बार कोसा। दूसरे राउंड में ट्रंप के भारत दौरे को, उनकी रंगीनी की कहानियों की  तराजू पर तोला, कुछ देर सोचा । फिर अगले राउंड में उन्होंने मरे से मन से ट्रंप को होली पर  भारत आने का निमंत्रण दे दिया।

इसके बाद उन्होंने सीधे अपने संकट मोचन अमित शाह को फोन लगाया। पता नहीं ,फोन पर दोनों क्या फुसफुसाते रहे। आखिर की आवाज़ तो यही सुनाई दी कि 'अमित, अब इस छप्पन इंच के सीने की इज्ज़त तुम्हारे ही हाथों में है।

होली के दिन सारा मामला चकाचक था। राजनाथ सिंह जुल्फें हिला हिला कर भांग घोट रहे थे। वीके सिंह स्कॉच की बोतलों की चौकीदारी कर रहे थे, नितिन गड़करी मुंह में डाल डाल कर हर  पकौड़े का साइज चेक कर रहे थे। गुंजिया डिपार्टमेंट तुलसी जी यानी स्मृति ईरानी के जिम्मे था जो अमित शाह के गुंजिया चुराने पर बड़बड़ा रही थीं। अमित शाह हर थोड़ी देर में नज़र बचते ही गुंजियाओं पर हाथ साफ करते, उसके बाद मूंछों पर हाथ फेरते ।  और फिर घूमने लगते। सब मामला टंच था। कमी थी बस खास मेहमान यानी ट्रंप द ग्रेट की।

थोड़ी देर में हल्ला मचा।  रंगीले राजा आ गए, रंगीले रतन आ गए  मोदी जी ने देखा तो दरवाजे से साक्षात डोनाल्ड ट्रंप तशरीफ लाए रहे थे। उनके चारों तरफ गोरियों की फौज थी। गोरियों की फौज के पीछे  दिग्गी राजा और  शशि थरूर  थे। आज ट्रंप का हुलिया खासा जबरदस्त था। बदन पर सफेद शेरवानी , हाथ में गुलाब का फूल और मुंह में पान लिए वह  पूरे झकास लग रहे थे।मोदी जी ने आगे बढ़कर उनका स्वागत किया।उनके हाथों में भांग का गिलास थमाया।उन्हें गुलाल लगाया।अब तो सारे नेताओं में ट्रंप के साथ होली खेलने की होड़ लग गई।राहुल जी आए,  दिग्गी राजा आए  ,उनके साथ सिर पर झाड़ू का मुकुट पहने केजरीवाल आए ।उनके पीछे स्पेशल नाई से बाल कटा के आए लालूजी आए।लालू जी के पीछे तेजस्वी,और उनके पीछे शंकर भगवान के गेटअप में तेजप्रताप भी पधारे। ट्रंप  तेजू भैया से होली खेलने जैसे ही लपके ,उन्होंने झट से गेट अप बदल लिया ।अब वे कृष्ण जी के गेटअप में आ गए।इससे पहले कि वो कोई और रूप धरते,तब तक ट्रंप ने उन्हें गुलाल लगाकर सेल्फी ले ली।

तभी हल्ला मचा यू पी वाले आ गए।देखा तो सबसे आगे हमेशा गुस्से में रहनेवाले योगी आदित्यनाथ हैं ।उनके पीछे अखिलेश,मुलायम आ रहे हैं। उनके ठीक  पीछे दो भैंसो पर  अजय देवगन स्टाइल में सवारी करते आजम खान दिखाई दिए। उनके पीछे बच्चे नारे लगा रहे थे - आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं ,भैंसें आजम खान की । ट्रंप यह दृश्य देखकर काफी प्रसन्न भए । उन्होंने पहले आजम एंड पार्टी को गुलाल लगाया फिर एक जवान भैंस को गुलाल जैसे ही लगाया ,भैंस ने उन्हें शुद्ध अंग्रेजी में हड़का दिया ,-  "डैमफूल, बिना पूछे रंग कैसे लगाया ? ये इंडिया है ,अनजान आदमी भद्र लेडीज से इजाजत लेकर रंग लगाते हैं।"ट्रंप ने बात संभालकर दिमाग की जेब में धर ली और आगे बढ़ लिए।

 तभी उन्होंने देखा कि कोने में सफेद बुर्राक धोती कुर्ता पहने हुए दो सज्जन दिखाई दिए  जिन्होंने अपने चेहरे छिपाए हुए थे।उनके कपड़ों पर रंग के कोई दाग़ नहीं थे। वे बस हवा में कुछ इशारे कर रहे थे।ट्रंप चौंके,मोदी जी से पूछा तो उन्होंने राज खोला - ये हमारा मार्गदर्शक मंडल है।इनका काम लोगो को बताना है कि होली कैसे खेली जानी चाहिए।पर ये खुद होली नहीं खेल सकते।ट्रंप ने उनके पर्दे हटाकर देखे तो वे साक्षात लालकृष्ण आडवाणी  और मुरली मनोहर जोशी थे।

ट्रंप का मन कन्हैया हुआ जा रहा था पर होली खेलने को गोपियां कहीं नहीं दिख रही थीं।तभी हल्ला मचा,आ गईं,आ गई।ट्रंप ने ललक कर देखा तो महिलाओं की फौज आ रही थी। सबसे आगे सोनिया गांधी थीं ।ट्रंप ने अभिवादन किया तो सोनिया जी ने इटालियन,अंग्रेजी और हिंदी की कॉकटेल बनाकर कुछ जवाब दिया जो ट्रंप की समझ में नहीं आया ,उन्होंने दुभाषिए से पूछा ,उसने भी गर्दन हिला दी।उन्होंने हारकर मोदीजी से पूछा कि ये क्या बोल रही हैं तो मोदी जी हंसकर बोले ," ये क्या बोलती हैं,इनकी पार्टी के लोग नहीं समझते ,खुद इनके सुपुत्र राहुल जी नहीं समझते ,भला हम क्या समझेंगे।" ट्रंप उनकी बात समझ गए और आगे बढ़ गए।आगे  ममता बैनर्जी एक कोने में खड़े होकर अजीब तरह के टेढ़े मेढे मुंह बनाकर बड़बड़ाते हुए सेल्फी ले रही थीं।ट्रंप ने उनसे होली खेलने की इजाज़त मांगी तो उन्होंने शर्त रख दी , मुंह बनाते हुए बोलीं ,"अगर टूम हमारा बंगाल को अलग देश और हमको उसका पी एम का मान्यता देने को तैयार है तो हमसे होली खेल सकता है। वरना आगे बढ़ लो।"ट्रंप  बिना कुछ बोले आगे बढ़ लिए।

अब सामने मायावती जी थी जो एक कागज में से कुछ पढ़कर  बोल रही थीं।ट्रंप ने उन्हें नमस्कार किया तो उन्होंने तुरंत जवाब नहीं दिया ,पास खड़े सतीश मिश्र को इशारा किया ।उन्होंने  थैले में से निकलकर उन्हें एक  कागज दिया ,उसमे से पढ़कर वह  बोलीं - नमस्कार।ट्रंप समझ गए जब तक वह होली खेलने की इजाज़त का कागज़ खोजेंगी ,तब तक तो  होली ख़तम हो लेगी।वे आगे बढ़ लिए आगे निर्मला सीतारमण हेमामालिनी को मंत्री  बनने के टोटकों के बारे में भाषण दे रहीं थीं।ट्रंप ने उन दोनों को नमस्कार करके होली खेलने की इच्छा व्यक्त की ही थी कि निर्मला जी ने उन्हें रोक दिया ,बोली पहले बजट समझ लो,फिर होली खेलना।इतना कहकर उन्होंने संस्कृत में बजट समझाना शुरू कर दिया। तभी ट्रंप  को स्मृति ईरानी आती दिखाई दीं सो वह एक्सक्यूज मी   कहते हुए  वहां से खिसक लिए।

अब तक ट्रंप काफी झेल चुके थे । सो उन्होंने सोचा कि वे अब किसी महिला से कुछ नहीं पूछेंगे ,सीधे होली खेलना शुरू कर देंगे। शुरुआत उन्होंने स्मृति ईरानी से की जो अकेले में जाने किस पर बड़बड़ा रही थीं । वह सीधे उनके पास पहुंचे ,जल्दी से उनके गालों पर गुलाल लगाया और फिर अपनी पिचकारी से उनको रंग दिया।अब तो स्मृति बिफर पड़ी। चिल्लाने लगी ,आपकी हिम्मत कैसे हुई ,मुझे रंग लगाने की। पर ट्रम्प पर कोई असर नहीं हुआ ,वाह लहक लहक कर होली का गीत गाने लगे । स्मृति और पिनक गईं। वह  अमित शाह के पास शिकायत करने पहुंची तो वह उनके कानों में फुसफुसाये।स्मृति का चेहरा खिल गया।उन्होंने अपने पी ए को इशारा किया ।वह कहीं से एक लट्ठ और लकड़ी की  ढाल ले आया।स्मृति ने ये ढाल ट्रंप की और फेंकी।और चिल्लाकर बोली ,लीजिए ट्रंप जी ,अब जरा बरसाने की लट्ठमार होली का मज़ा ले लीजिए। कहकर उन्होंने लट्ठ चलाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में सोनिया जी से लेकर हेमाजी तक सब लट्ठ लेके आ  गईं।वे लट्ठ बरसाती रहीं ,ट्रंप चिल्लाते रहे और लोग ठहाके लगाते रहे।इसके बाद ट्रंप बेहोश हो गए।

आगे का आंखो देखा  हाल हम आपको ट्रंप के होश में आने के बाद बताएंगे कि वह भविष्य में इंडिया की गोरियों से  होली खेलेंगे या नहीं। फिलहाल तो वह बेहोश हैं।

बुरा जरूर मानो, होली है। (शब्द 1385)

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