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हमारे संवाददाता द्वारा


नई दिल्ली | मंगलवार | 13 अगस्त 2024

रान में इजरायली हमले में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या ने पूरे मध्य पूर्व को संकट में डाल दिया है। हनीयेह, जो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान गए थे, पर हमला उनके आवास पर किया गया, जिसमें वे और उनके एक अंगरक्षक मारे गए। हमास ने इस हत्या को "ज़ायोनी हमले" के रूप में वर्णित किया और इसे फिलिस्तीनी प्रतिरोध के खिलाफ एक गंभीर साजिश करार दिया।

 

इस्माइल हनीयेह हमास के प्रमुख नेता थे, जिन्होंने 2017 में खालिद मेशाल की जगह हमास के राजनीतिक ब्यूरो का नेतृत्व संभाला था। उन्हें 2006 में फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था और वे लंबे समय तक तुर्की और कतर में निर्वासन में रहे। हनीयेह ने अपने कार्यकाल के दौरान ईरान और तुर्की के साथ मजबूत संबंध बनाए रखे थे और फिलिस्तीनी गुटों के बीच उनकी प्रतिष्ठा एक समझौतावादी नेता के रूप में थी।

 

गाजा पर इजरायली हमले और इस हवाई हमले के परिणामस्वरूप पूरे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को नष्ट करने की कसम खाई है, और हनीयेह की हत्या को इसी दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। नेतन्याहू का यह भी कहना है कि वे 7 अक्टूबर को हमास द्वारा पकड़े गए सभी बंधकों को वापस लाएंगे।

 

लेख एक नज़र में
ईरान में इजरायली हमले में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या ने पूरे मध्य पूर्व को संकट में डाल दिया है।

हनीयेह, जो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान गए थे, पर हमला उनके आवास पर किया गया, जिसमें वे और उनके एक अंगरक्षक मारे गए। इस घटना से पूरे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है और फिलिस्तीनी गुटों ने एकता और आम हड़ताल का आह्वान किया है।

 ईरान और इजरायल के बीच तनाव और बढ़ गया है और क्षेत्र में शांति प्रयासों को कमजोर कर सकता है।

 

 

तेहरान में हनीयेह की हत्या के बाद, ईरान और इजरायल के बीच तनाव और बढ़ गया है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इस हत्या की निंदा करते हुए कहा कि ईरान अपनी अखंडता और सम्मान की रक्षा करेगा और इस कायरतापूर्ण कृत्य का कड़ा जवाब देगा। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी कहा कि हनीयेह की हत्या का बदला लेना ईरान का कर्तव्य है।

 

हनीयेह की हत्या से पहले, गाजा में उनके तीन बेटे भी एक इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे। हनीयेह के बेटे हेज़म, आमिर, और मोहम्मद पर गाजा के अल-शाती कैंप में हमला हुआ था, जिसमें उनके दो पोते भी मारे गए थे।

 

हनीयेह की हत्या के बाद, फिलिस्तीनी गुटों ने एकता और आम हड़ताल का आह्वान किया है। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस हत्या की निंदा की और फिलिस्तीनी लोगों से एकजुट रहने का आग्रह किया। रामल्लाह में सरकारी मंत्रालयों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो गए, और कब्जे वाले पश्चिमी तट के कई शहरों में दुकानों और सांस्कृतिक संस्थानों ने अपनी गतिविधियाँ बंद कर दीं।

 

यह हमला बेरूत में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ नेता फौद शुक्र को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले के तुरंत बाद हुआ। दोनों घटनाओं को इजरायल द्वारा जानबूझकर उठाए गए कदमों के रूप में देखा जा रहा है, जो पूरे क्षेत्र में व्यापक संघर्ष को भड़का सकते हैं। फिलिस्तीनी राजनीतिज्ञ मुस्तफा बरगौटी ने कहा कि हनीयेह की हत्या फिलिस्तीनी प्रतिरोध को तोड़ नहीं सकती, बल्कि यह संघर्ष को और बढ़ाएगी।

 

1 अगस्त को हनीयेह का अंतिम संस्कार तेहरान में किया जाएगा, जिसके बाद उनके शव को कतर की राजधानी दोहा ले जाया जाएगा। गाजा में हमास के उप प्रमुख खलील अल-हय्या ने कहा कि हमास और ईरान क्षेत्रीय युद्ध नहीं चाहते, लेकिन इस हत्या का जवाब जरूर देंगे।

 

इस हत्या से गाजा में चल रहे युद्ध विराम वार्ता को भी खतरा पैदा हो गया है। कतर, मिस्र और अमेरिका ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध को समाप्त करने और कैदी-बंदी अदला-बदली समझौते की कोशिश की है, लेकिन हनीयेह की हत्या से यह वार्ता भी प्रभावित हो सकती है।

 

मध्य पूर्व की राजनीति के पर्यवेक्षकों के अनुसार, इजरायल का यह कदम क्षेत्र में शांति प्रयासों को कमजोर कर सकता है और आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ सकता है। हनीयेह की हत्या के बाद, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है।

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