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हिंदी सिनेमा का 'गब्बर' आज भी याद आता है

प्रशांत गौतम

नई दिल्ली | शुक्रवार | 26 जुलाई 2024

हिंदी सिनेमा के महान कलाकार अमजद खान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, हम उनके जीवन और करियर के महत्वपूर्ण पहलुओं पर एक नजर डालते हैं। अमजद खान, जिन्हें उनकी अविस्मरणीय भूमिका 'गब्बर सिंह' के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं।

 

अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को हुआ था। उनके पिता जयंत भी एक प्रसिद्ध अभिनेता थे, इसलिए अभिनय का हुनर उन्हें विरासत में मिला था। अमजद खान ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी और जल्दी ही उन्होंने फिल्मों की ओर रुख किया।

 

1975 में आई फिल्म 'शोले' में अमजद खान ने 'गब्बर सिंह' की भूमिका निभाई, जो भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित खलनायक भूमिकाओं में से एक बन गई। उनका डायलॉग "कितने आदमी थे?" आज भी लोगों की जुबान पर है। गब्बर सिंह की भूमिका ने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया और उन्हें बॉलीवुड का एक अभिन्न हिस्सा बना दिया।

 

अमजद खान ने केवल खलनायक की भूमिकाओं तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने कई तरह के किरदार निभाए। 'लावारिस', 'परवरिश', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'कुर्बानी' जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने यह साबित किया कि वे एक बहुमुखी अभिनेता थे। हर भूमिका में उन्होंने अपने अभिनय का जादू बिखेरा और दर्शकों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाई।

 

लेख एक नज़र में
हिंदी सिनेमा के महान कलाकार अमजद खान की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। अमजद खान ने अपने जीवन और करियर में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को छुआ, जिन्हें हम आज भी याद करते हैं।
अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी और जल्दी ही फिल्मों की ओर रुख किया। 1975 में आई फिल्म 'शोले' में उन्होंने 'गब्बर सिंह' की भूमिका निभाई, जो भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित खलनायक भूमिकाओं में से एक बन गई।
अमजद खान ने केवल खलनायक की भूमिकाओं तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने कई तरह के किरदार निभाए। उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी फिल्मों और उनके द्वारा निभाए गए किरदारों ने उन्हें अमर बना दिया है। आज भी 'शोले' और 'गब्बर सिंह' की यादें ताजा हैं।
अमजद खान की पुण्यतिथि पर हम उन्हें सादर नमन करते हैं और उनकी महान अभिनय यात्रा को याद करते हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा को जो योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

 

 

अमजद खान का निजी जीवन भी उतना ही दिलचस्प था जितना कि उनका फिल्मी करियर। उनकी शादी शीला खान से हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं – शादाब खान, अहलम खान, और सीमा खान। अमजद खान अपने परिवार के प्रति अत्यंत समर्पित थे और उनके बच्चों के साथ उनका विशेष संबंध था।

 

अमजद खान का जीवन अचानक तब थम गया जब 27 जुलाई 1992 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनकी असामयिक मृत्यु ने पूरे फिल्म उद्योग को स्तब्ध कर दिया और उनके प्रशंसकों के दिलों में गहरा शोक भर दिया।

 

अमजद खान की मृत्यु के बाद भी उनकी फिल्मों और उनके द्वारा निभाए गए किरदारों ने उन्हें अमर बना दिया है। आज भी 'शोले' और 'गब्बर सिंह' की यादें ताजा हैं। उनकी अनूठी आवाज़, बेहतरीन संवाद अदायगी और उनकी व्यक्तित्व की छाप आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

 

अमजद खान की पुण्यतिथि पर हम उन्हें सादर नमन करते हैं और उनकी महान अभिनय यात्रा को याद करते हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा को जो योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके जैसे कलाकार विरले ही होते हैं, जिन्होंने न केवल अपनी कला से बल्कि अपने व्यक्तित्व से भी लोगों को प्रभावित किया।

 

अमजद खान, हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। अमजद खान की हर भूमिका, हर संवाद और हर फिल्म हमें याद दिलाती रहेगी। अमजद खान की पुण्यतिथि पर हम अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हैं। आप जहां भी हों, खुश हों।

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