नए साल के पहले दिन खबर आई कि यूपी पुलिस ने रेप और छेड़छाड़ के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है . गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में से दो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की वाराणसी शहर इकाई के आईटी सेल के संयोजक और सह-संयोजक हैं, वाराणसी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र भी है।
गिरफ़्तारियाँ केवल हिंदुत्ववादी ताकतों के बदसूरत चेहरे की एक झलक दिखाती हैं जो वास्तव में आम लोगो की नजरो से छिपा हुआ है। भाजपा के वैचारिक स्रोत आरएसएस द्वारा हम लोगो को अक्सर उच्च नैतिकता और अच्छे चरित्र की एक कहानी सुनाई जाती है। यह भी कहा जाता है कि भाजपा से जुड़े सभी लोग सवेदनशील, त्याग की भावना रखने वाले तथा सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन के उच्च मूल्यों का पालन करने वाले चरित्रवान लोग हैं।
अब जबकि सत्तारूढ़ भाजपा का व्यवस्था पर पूर्ण अधिकार है और उसने मुख्य धारा के मीडिया सहित लगभग सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है, आम भाजपा कार्यकर्ताओं का चरित्र पूरी तरह से सामने आ गया हैं। उनके दिल में कानून का कोई डर नहीं होने के कारण भगवा ब्रिग्रेड के कार्यकर्ता सभी प्रकार की चाही-अनचाही गतिविधियों में लिप्त हैं। इसमें तमाम गतिविधिया छोटे-बड़े अपराधों की श्रीणी में आती है।
बीएचयू की घटना में सबसे बुरी बात यह है कि दो दोषियों ने पहले भी इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था, लेकिन चूंकि छात्राओं ने शिकायत दर्ज नहीं कराई, इसलिए वे आजाद रहे। यह तथ्य भी आश्चर्यजनक है कि दो महीने तक इन दोषियों को संरक्षण दिया गया। इस बात की जांच की जरूरत है कि आखिर ये कौन लोग थे जो इन्हें बचा रहे थे.
भाजपा कार्यकर्ताओं के संदिग्ध व्यवहार की यह कोई अकेली घटना नहीं है। विभिन्न राज्यों से बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा आपराधिक गतिविधियों की कई खबरें आती रही है। फिर ऐसी बहुत सी बातें कभी प्रकाश में भी नहीं आ पातीं क्योंकि सत्ता में बैठे लोग इन बातो की जानकारी दबा देते हैं।
आरएसएस-भाजपा नेतृत्व अपने कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता। अपने वैचारिक मार्गदर्शक दर्शन को आगे बढ़ाने में उन्होंने नफरत, आक्रामकता, असहिष्णुता और सामाजिक असमानता का माहौल बनाया है। जब शुरू में उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को गलत काम करने से रोकना चाहिए था तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। अब शायद हालात उनके बीएस में भी नहीं है।
सनातन हिन्दू संस्कृति और स्वस्थ परम्पराओ की बात करके देश में स्वर्ण युग का वादा करने वाले राजनितिक दल भाजपा और उसके वैचारिक स्त्रो आर.एस.एस के लिए वाकई यह बहुत शर्मनाक बात है।
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