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आज का संस्करण

नई दिल्ली, 27 फरवरी 2024

 

हाय राम अपना क्या होगा /

 

 

 

चला चली का दौर है,

उखड़ेंगे कमजोर,

हाथ जोड़ कर सब खड़े,

नहीं किसी मे जोर।।

        हाय राम अपना क्या होगा!

 

यह भी कोई बात है,

सिर पर चढ़ा चुनाव ।

उतरी गाड़ी नाव से,

गाड़ी पर है नाव।

       रोटी पूरी सिकी नहीं है!

 

असंतुष्ट कि संतुष्ट सब,

करते आंखें चार,

ओवर हालिंग कुर्सी की,

हो जाये इस बार ।।

       जब  सब नाचे ताता थैया !

 

हम तो है चौकस बहुत,

इसिलिये फरमान ।

जनता रोये चैन से,

हमको सबका ध्यान ।।

        यही सबसे कहते रहिए !

 

राजनीति नौका बनी,

है गुनाह पतवार।

लहर माफिया भी प्रबल,

मध्य धार उद्धार ।।

          तभी जेल से खेल चल रहा !

 

नेता चिंतित कृष्ण से,

निरख सुदामा टेन्स।

किया गरीबी का तभी,

लाइफ इंश्योरेंस ।।

    उड़ती इनके दम से कनकैया!

 

-अनूप श्रीवास्तव

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