शुरुवात में तुम आए, तुमने कहा नाखून रगड़ लो बाल काले हो जाएंगे, समाज ने चिंगारी निकाल दी नाखूनों को आपस में रगड़ रगड़ कर, उंगलियां झुलस गईं काली पड़ गईं, सिर पर बाल लेकिन सफेद ही रहे, चलो कोई बात नही
आगे तुमको एक पौधे से एल-ओ-व्ही-ई.. लौ.. हो गया, अंधा एक तरफ़ा प्यार,और तुमने अपनी उस प्रेमिका के पत्ते जबरदस्ती पूरी दुनिया द्वारा अपनाए जाने की ज़िद पकड़ ली, गिलोय नाम की तुमाई लीफ फ्रेंड हमारे जीवन का ना चाहते हुए भी अभिन्न अंग बन गई, अब अगले को एड्स, कैंसर या सर्दी ज़ुकाम हो, उसको तुमने गिलोय प्रिस्क्राइब कर दी, बदहजमी हुई थी ज़हर जैसे गिलोय का जूस पिला कर उल्टी करवा दी और कह दिया मिरेकल, मिरेकल और नाचने लगे मेरा जूसू जूसू गिलोय का जूसू जूसू, चलो कोई बात नही
यह लेख एक हंसी-मजाक से भरपूर दास्तान है जो एक व्यक्ति के विचारों और उसकी सोच को उजागर करती है। यह उसकी विचारधारा पर चुटकुला करता है जिसमें उसने अनुभव की है और कैसे उसने समाज की मान्यताओं के खिलाफ खुलकर विचार किया है।
उन्होंने अपने जीवन की विभिन्न घटनाओं को एक हंसी-मजाक के रूप में पेश किया है, जिसमें उन्होंने चंद असामान्य तरीके भी अपनाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपने संबंधों और समाज की सोच पर भी कुछ गंभीर विचार किए हैं। लेखक द्वारा उठाए गए मुद्दे समाज के लिए एक संदेश के रूप में काम करते हैं और विचारों को स्वीकार्यता के साथ पेश करते हैं।
प्रारंभ में, एक व्यक्ति की कहानी सुनाई गई है जिसने नाखूनों को रगड़ने के तरीके का उदाहरण दिया, फिर उसने गिलोय के लिए विश्वास की बात की और उसने योग का मजाक उड़ाया। वास्तविकता में, उसने सांस लेने और पानी की बोतल में ऑक्सीजन के बारे में अजीबोगरीब बातें कहीं जो उनकी अद्भुत दृष्टि को दर्शाती हैं।
लेखक इस दास्तानिक लेख में हास्य और विचारशीलता का साथ देते हुए समाज की कुछ गंभीर समस्याओं पर भी विचार करवाते हैं।
फिर तुम को लगा के इन चरम चंपको के जीवन में च्यवनप्राश की कमी है, लेट्स गिव देम सम..और तुमने लपक कर उठाया पीरियोडिक टेबल और उसमें दिखाए सभी एलिमेंट च्यवनप्राश में घुसेड़ दिए,.... सोना,चांदी,पीतल,एल्युमिनियम,पारा,लोहा,लंगड़...ईच एंड एवरीथिंग.. और कहा इसे खाने से इम्युनिटी बढ़ती है, लोगो ने खाया और कुछ इस मानव लोक से ही आगे बढ़ गए, चलो कोई बात नही
फिर तुमने सोचा मंजन बनाते हैं, उसमें 64 जड़ी बूटी, 72 मसाले,लौंग, इलायची, कत्था, चूना, पिपरमेंट, बाबा 306 तम्बाखू, मीठा पत्ता किमाम तमाम सब ऐसे डाल दिया... के,.. लड़की वाले लड़का देखने आए तो मंजन से रिश्ता पक्का करके चले गए कि सारे गुण तो हैं इसमें,..
कई दफे तो हम लोग ब्रेकफास्ट में दन्त कान्ति ही खा लेते हैं तो पेट भरा भरा लगता है, चलो कोई बात नही
फिर तुमने बताया के मैंने योग सिखाया, तो मेरा मतलब यह है के हम लोग तुम्हारे आने से पहले कितनी गलत सांस ले लेते होंगे, एक यही काम तो है सांस लेना जो हम लोग स्वतः कर लेते थे, हमको तुमने उसमें भी गलत साबित कर दिया कि नही ठीक से नही ले रहे हो , मैं तो उस दिन कितना शर्मिंदा हुआ था जब जाना के सांस भी नही लेकर छोड़ पाया अबतक सही से, मतलब क्या गलत कर रहे थे हम?
पहले छोड़ देते थे हवा फिर खेंच रहे थे या ऑक्सीजन छोड़ देते थे कार्बन डाइऑक्साइड खेंच लेते थे?
मिस्टेक आ कहाँ रही थी?
लेकिन तुमने कही तो हमने मान ली, चलो कोई बात नही
फिर तुमने बताया मेरी पानी की बोतल में है ज़्यादा ऑक्सीजन , अब मल्लब सामान्य h2o में 2 एटम रहते थे हायड्रोजेन के तुम्हारे पानी का फार्मूला h2o2 होगा शायद , काहे से की ऑक्सीजन ज़्यादा थी, तो हमने इस हिसाब से हायड्रोजेन पेरोक्साइड पी लिया, चलो कोई बात नही
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फिर तुमने मैगी, ओगी,घी,धतूरा,साबुन तेल शेम्पू सब चिपका दिए धीरे से आंख मारते हुए
अब कोर्ट संज्ञान ले रहा है तो फटकार पर फटकार मिल रही है, दंड भी मिलेगा
जेल में तीन पत्ती खेलनी पड़ जाएगी कैदियों के साथ, और तुम वहाँ भी आदतन अपनी चाल आने पर गिलोय का पत्ता पटक दोगे तो बहुत मार खाओगे।
आज वर्ल्ड हैल्थ दिवस में हम सभी को प्रण लेना होगा के किसी भी सो कॉल्ड बाबा ढाबा या झोला छाप इंफ्लुएंसर/डॉक्टर आदि से सेहत के राज़ नही सीखेंगे, अपितु विज्ञान द्वारा बताए सेहत के नुस्ख़े आज़माएंगे
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We must explain to you how all seds this mistakens idea off denouncing pleasures and praising pain was born and I will give you a completed accounts..
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