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प्रशांत गौतम

A person in a suit

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नई दिल्ली | शुक्रवार | 16 अगस्त 2024

पेरिस लंदन के बाद तीसरा ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल आयोजित करने वाला दूसरा शहर बन गया। यह खेल पत्रकारों के वैश्विक निकाय AIPS के शताब्दी समारोह का स्थल भी था। शताब्दी समारोह के एक भाग के रूप में, AIPS ने अपने जर्नलिस्ट्स ऑन द पोडियम कार्यक्रम का आयोजन किया, जहाँ खेल पत्रकारिता में 18 या उससे अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले अनुभवी खेल पत्रकारों और शीतकालीन ओलंपिक खेलों सहित 10 या उससे अधिक ओलंपिक खेलों को कवर करने वाले लोगों का सम्मान किया गया।

इस सम्मान में शामिल वरिष्ठ पत्रकार और खेल संपादक प्रभजोत पॉल सिंह, जो नियमित रूप से मीडियामैप के लिए लिखते हैं, 2024 ओलंपिक खेलों को कवर करने के लिए पेरिस गए। वह 23 जुलाई से 13 अगस्त तक पेरिस में रहें। सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को कवर करने एवं वह भारतीय प्रवासियों, हॉकी, मुक्केबाजी, कुश्ती, टेनिस, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स, बैडमिंटन और भारतीय मूल के खिलाड़ियों के अलावा अन्य खेलों पर भी ध्यान केंद्रित करा ।

प्रभजोत पॉल सिंह, जिन्हें प्रभजोत सिंह के नाम से जाना जाता है, एक अनुभवी हरफनमौला पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ काम करने का 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है, जिसमें उत्तर भारत के सबसे पुराने और सबसे अधिक प्रसारित अंग्रेजी दैनिक द ट्रिब्यून के साथ 37 साल का अनुभव भी शामिल है। उन्होंने 8 वर्षों से अधिक समय तक दुनिया के सबसे बड़े पंजाबी टीवी नेटवर्क पीटीसी न्यूज़ के कार्यकारी संपादक के रूप में भी काम किया था।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभजोत पॉल सिंह का नाम आज न केवल भारतीय पत्रकारिता में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गर्व से लिया जा रहा है। पेरिस ओलंपिक 2024 में उनकी विशेष भागीदारी और असाधारण योगदान के लिए उन्हें विशेष सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान न केवल उनकी पत्रकारिता के प्रति समर्पण का प्रमाण है बल्कि भारतीय मीडिया की प्रतिष्ठा को भी वैश्विक स्तर पर ऊँचा उठाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

लेख एक नज़र में
वरिष्ठ पत्रकार प्रभजोत पॉल सिंह को पेरिस ओलंपिक 2024 में AIPS के शताब्दी समारोह में सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय पत्रकारिता के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

प्रभजोत पॉल सिंह ने अपने 40 से अधिक वर्षों के पत्रकारिता करियर में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और समाज के उपेक्षित वर्गों की आवाज को बुलंद किया।

उनकी रिपोर्टिंग का खास पहलू यह था कि उन्होंने खेल की तकनीकीताओं के साथ-साथ खिलाड़ियों की मानसिकता, उनकी व्यक्तिगत संघर्षों और उनकी उपलब्धियों को भी प्रमुखता से दिखाया। यह सम्मान उन सभी युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो इस पेशे में अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

 

प्रभजोत पॉल सिंह का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत, लगन और पत्रकारिता के प्रति गहरी निष्ठा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत छोटे समाचार पत्रों से की, लेकिन अपनी लेखनी की ताकत और सत्यता के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें जल्दी ही मुख्यधारा की पत्रकारिता में एक प्रमुख स्थान दिलाया।

उनका लेखन हमेशा से समाज के उपेक्षित वर्गों की आवाज को बुलंद करता रहा है। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जिनमें सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, और देशभक्ति की भावना प्रमुख रहे हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रभजोत पॉल सिंह ने भारतीय मीडिया का प्रतिनिधित्व किया और इस दौरान उनके द्वारा की गई रिपोर्टिंग को अंतरराष्ट्रीय मीडिया जगत ने अत्यधिक सराहा। ओलंपिक के खेलों में उन्होंने न केवल खिलाड़ियों की उपलब्धियों को उजागर किया, बल्कि भारतीय खेल संस्कृति और युवा खिलाड़ियों की संघर्षपूर्ण यात्रा को भी बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया।

उनकी रिपोर्टिंग का खास पहलू यह था कि उन्होंने खेल की तकनीकीताओं के साथ-साथ खिलाड़ियों की मानसिकता, उनकी व्यक्तिगत संघर्षों और उनकी उपलब्धियों को भी प्रमुखता से दिखाया। उनके द्वारा प्रस्तुत की गई कहानियों में भावनात्मक गहराई और प्रेरणा का अनूठा मिश्रण था, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया।

प्रभजोत पॉल सिंह को पेरिस ओलंपिक में जो सम्मान मिला, वह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय पत्रकारिता के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि भारतीय पत्रकारिता न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है।

यह सम्मान उन सभी युवा पत्रकारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, जो इस पेशे में अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। प्रभजोत पॉल सिंह ने यह साबित किया है कि यदि आपके पास सच्चाई के प्रति समर्पण और समाज की सेवा का भाव है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

प्रभजोत पॉल सिंह के इस सम्मान के बाद, भारतीय पत्रकारिता के क्षेत्र में और भी बड़े अवसरों की संभावना है। इस सम्मान ने यह भी दर्शाया है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय पत्रकारों के लिए बहुत सी नई दिशाएं खुली हैं।

उनका जीवन और उनकी उपलब्धियाँ उन सभी के लिए प्रेरणा हैं, जो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। प्रभजोत पॉल सिंह ने अपने समर्पण, कड़ी मेहनत, और उत्कृष्ट पत्रकारिता से यह साबित किया है कि यदि आप सही दिशा में प्रयास करते हैं, तो दुनिया का कोई भी मंच आपके लिए छोटा नहीं है।

 

पेरिस में AIPS के शताब्दी समारोह में निम्नलिखित पत्रकारों को सम्मानित किया गया:

 

29 ओलंपिक खेल - गिउलिआनो बेविलाक्वा (इटली)

28 ओलंपिक खेल - ह्यूगो स्टीनिगर (स्विट्जरलैंड)

21 ओलंपिक खेल - क्रिस्टीन ब्रेनन (अमेरिका) और लैसी पेरेनी (जर्मनी)

20 ओलंपिक खेल - व्लादिमीर ड्रोबोह्लाव (चेक गणराज्य) और अर्न्स्ट फ्राइडबर्ट राउल्फ (जर्मनी)

19 ओलंपिक खेल - करेन रोसेन (यूएसए); सोएनार चामिद (नीदरलैंड); व्लोड्ज़िमिएर्ज़ स्ज़ारानोविक्ज़ (पोलैंड); एलेन मर्सिएर (फ्रांस); और मैट वेनरहोम (स्वीडन)।

18 ओलंपिक खेल - चार्ल्स ई. बेले (अमेरिका); और रीडर सोली (नॉर्वे)।

17 ओलंपिक खेल - स्टीव कीटिंग (कनाडा); जी झोउ (चीन); थॉमस श्रेयर (जर्मनी); डेरियस स्ज़पाकोव्स्की (पोलैंड); हेनरी स्ज़्वार्क (फ्रांस); सर्जियो रेनाटो डोवियो (अर्जेंटीना); और जोनाथन ब्रैमली (यूके)।

16 ओलंपिक खेल - थॉर्स्टन वोम वेज (जर्मनी); ज़ुबोमिर सौसेक (स्लोवाकिया); जॉन वोल्कर्स (नीदरलैंड); वाकाको युकी (जापान); पालोमा डेल रियो (स्पेन); लियोनिल्डो तुरिनी (इटली); हर्बर्ट स्लाविक (चेक गणराज्य); सेचल (फ्रांस); और जियानकार्लो कोलंबो (इटली)।

15 ओलंपिक खेल - अलेक्जेंडर हसनस्टीन (जर्मनी); क्लाइव ब्रुनस्किल (यूके); गेर्गी बानोव (बुल्गारिया); जैक्वेलिन मैग्ने (ऑस्ट्रेलिया); पेट्ज़ लाहुरे (लक्ज़मबर्ग); त्सुतोमु किशिमोतो (जापान); आंद्रेई गोलोवानोव (रूस); और मिशाल डुसिक (चेक गणराज्य)।

14 ओलंपिक खेल - ट्रेसी होम्स (ऑस्ट्रेलिया); टोडर शबांस्की (बुल्गारिया); मार्क वेन्टौइलाक (फ्रांस); जूलियन लिंडेन (ऑस्ट्रेलिया); जुग्डर ओटगोन्सागान (मंगोलिया); एलीन लैंगस्ले (यूके); चार्ल्स कैमेंजुली (माल्टा); तोशिमी ओरियामा (जापान); ओलाफ ब्रॉकमैन (पोलैंड); और क्लाउडियो स्केकिनी (इटली)।

13 ओलंपिक खेल - एलन अब्राहमसन (अमेरिका); लार्स बेकर (जर्मनी); ओलाफ ब्रॉकमैन (जर्मनी); निकोलई डोलगोपोलोव (रूस); हेक्टर उर्रेगो (कोलंबिया); जारी जुहानी पोर्टटिला (फिनलैंड); स्टीफन मूर (अमेरिका); हेनरिक उर्बास (पोलैंड); और सेज़री गुरजेव (पोलैंड)।

12 ओलंपिक खेल - वांग जिंग्यू (चीन); ओसियन शाइन (यूके); शिंसुके कोबायाशी (जापान); डोना स्पेंसर (कनाडा); स्टेफानो आर्कोबेली (इटली); टोंगजी झाओ (चीन); कोन्स्टेंटिनोस वर्निकोस (ग्रीस); एड्रियन रोड्रिग्ज ह्यूबर (स्पेन); जेम्स टोनी; काओ जियानजी (चीन); और एलन एडम्स (कनाडा)।

11 ओलंपिक खेल - फर्नांडो श्वार्ट्ज (मेक्सिको); फ्रेंको फावा (इटली); रमिको मोरिशिमा (जापान); गुन्नार मेनहार्ट (जर्मनी); एमानुएला ऑडीसियो (इटली); अल्फोंसो 'टोटो' एरेवालो (बोलीविया); वाल्टर चालापा (बोलीविया); ग्रेगर डेरिक्स (जर्मनी); स्टीफन वेरहेज (नीदरलैंड); जॉर्ज हैमिल्टन (आयरलैंड); हिरोयुकी नाकामौरा (जापान); वोज्शिएक एटिस (पोलैंड); मारेक रूडज़िंस्की (पोलैंड); जॉन साल्वाडो (ऑस्ट्रेलिया); काज़िमिएर्ज़ मोचलिंस्की (यूके); युमिको यानाई (जापान); एटिएन बोनामी (फ्रांस); जेरेमी ब्रेट वाकर (यूके); और ग्रोहमान कारोलोस।

10 ओलंपिक खेल - डेली कैर (ऑस्ट्रेलिया); जोस लुइस लोपेज़ (स्पेन); जाप दे ग्रूट (नीदरलैंड); यांग लियू (चीन); होंगहेंग युआन (चीन); युआनफेई ली (चीन); डेविड विलियम लिआ (यूके); माटेओ पैकोर (इटली); एंडर्स लिंडब्लैड (स्वीडन); जोस आर्टुरो फर्नांडो नूर्नबर्ग (बोलीविया); एलिसबेटा कैपोराले (इटली); प्रभजोत पॉल सिंह (भारत); जोस एंटोनियो मिगुएलेज़ (स्पेन); एंड्रियास ईसेनरिंग (स्विट्जरलैंड); कार्लोस जूलियो गुज़मैन पिनेरोस (कोलंबिया); प्रेज़ेमिस्लाव बबियार्ज़ (पोलैंड); पियोट्र डेबोव्स्की (पोलैंड); ज़बिग्न्यू चमीलेव्स्की (पोलैंड); पॉल ज़िमर (जर्मनी); गेरगेली सुर्का (हंगरी); मारेक सोलेस्की (पोलैंड); झांग हान (चीन); यानिस थियोडोरकोपोलोस (ग्रीस); ग्रेग एलन (आयरलैंड); इयाकोपो वोल्पी (इटली); और ब्रायन पिनेली (अमेरिका)।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभजोत पॉल सिंह को पेरिस ओलंपिक 2024 में मिला सम्मान न केवल उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि यह भारतीय पत्रकारिता के लिए भी एक गर्व का क्षण है। उनकी यह उपलब्धि युवा पत्रकारों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेगी और उन्हें भी बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की दिशा में प्रोत्साहित करेगी। भारतीय मीडिया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह सफलता आने वाले समय में और भी नई ऊँचाइयों को छूने की उम्मीद जगाती है।

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