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आज का संस्करण

नई दिल्ली, 17 मई 2024

डॉ रवींद्र कुमार

 

राजनीतिक और भूख

हम फैलातें हैं, भूखमरी।

मरते हैं भूख से बच्चे, बूढ़े और जवान

और फिर रोटी के टुकड़े फेंककर खींचते हैं फोटो

और फिर हमें भूख से बचाते हैं

बच्चे, बूढ़े और जवान

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इंसान का अहंकार

इंसान का अहंकार शरीर के मरने के साथ खत्म नहीं होता, जन्म जन्मांतर का साथ निभाता है, अगले जन्म में साँस लेने के साथ फिर चालू हो जाता है और वह मूर्ख यह भी नहीं जानता उसके सब कष्टों और बार बार जन्मों का कारण यही अहंकार है।

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