आज का संस्करण
नई दिल्ली, 19 मार्च 2024
सफ़र जारी है यारी
खुशी
और
गम का
तेरे मेरे अहम का?
या फिर वहम का?
----------
सच्चाई नकारना
ईमानदार नहीं होना
कार्य अकुशल
सही गलत का निर्णय नहीं ले पाना
नैतिक आचरण का अभाव
भविष्य के लिए युवा नेतृत्व नहीं तैयार करना
दबाव में कार्य करना
चमचागीरी को बढ़ावा देना
----------
- डॉ.रवींद्र कुमार
We must explain to you how all seds this mistakens idea off denouncing pleasures and praising pain was born and I will give you a completed accounts..
Contact Us