मेरे एक अजीज़ मित्र ने लिखा-यार कितना नाराज़ है तू ! मुझसे महीनों से तूने मुझे गधा तक नहीं कहा ! कैसा दोस्त है तू ?
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असली मित्र की पहचान यह है कि उसके अपने मित्र के घर में घुसते ही,मित्र की पत्नी मन ही मन बड़बड़ाये कि आ गया कमीना, इसी ने मेरे आदमी को बिगाड़ा है।
यह संदेश एक मजेदार और व्यंग्यात्मक तरीके से असली मित्रता की पहचान को दर्शाता है। यह बताता है कि जब कोई व्यक्ति अपने मित्र के घर में आता है, तो मित्र की पत्नी को लगता है कि यह व्यक्ति ही अपने पति को "बिगाड़ता" है, यानी उसे गलत रास्ते पर ले जाता है।
यह संदेश मित्रता की गहराई और व्यंग्य को दर्शाता है, और यह भी बताता है कि असली मित्र वो होता है जो हमारे जीवन में उतार-चढ़ाव लाता है, लेकिन हमें हमेशा याद रहता है।
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