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ओलंपिक 2028 से पहलेप्लेग्राउंड टू पोडियमकी तैयारी

प्रभजोत सिंह


टोरंटो, कनाडा | मंगलवार | 12 नवम्बर 2024

ल्पना कीजिए कि 2028 में जब लॉस एंजिल्स तीसरी बार ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करेगा, तब तक अमेरिका में दस लाख लोग क्रिकेट खेल रहे होंगे! यह सपना अब केवल कल्पना नहीं है, बल्कि इसे हकीकत में बदलने के लिए अमेरिकी क्रिकेट ने बड़ा कदम उठाया है। इसका लक्ष्य है कि लॉस एंजिल्स ओलंपिक से पहले, देश भर में लाखों बच्चे क्रिकेट खेलें और इस खेल का आनंद उठाएं।

अमेरिकी क्रिकेट ने इस दिशा में ‘प्लेग्राउंड टू पोडियम’ नामक पहल शुरू की है, जिसके माध्यम से स्कूली बच्चों को क्रिकेट से परिचित कराया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य न केवल खेल को लोकप्रिय बनाना है, बल्कि नए क्रिकेट खिलाड़ियों को उभरने का मौका देना भी है। इसके माध्यम से बच्चों को क्रिकेट के मैदान में आने और खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

अमेरिका में क्रिकेट का बढ़ता रुझान कोई नई बात नहीं है, खासकर दक्षिण एशियाई समुदाय में इसका प्रभाव तेजी से बढ़ा है। इसको ध्यान में रखते हुए, 2024 में ICC पुरुष T20 विश्व कप के दौरान भी अमेरिका में क्रिकेट का जोश देखने को मिला। इस विश्व कप में प्रमुख टीमों, जैसे भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज आदि के खिलाड़ियों ने अमेरिकी दर्शकों को रोमांचित किया।



लेख एक नज़र में

2028 में लॉस एंजेल्स में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए अमेरिकी क्रिकेट ने एक महत्वाकांक्षी योजना 'प्लेग्राउंड टू पोडियम' शुरू की है। इसका उद्देश्य है कि देशभर में दस लाख बच्चे क्रिकेट खेलें और इस खेल का आनंद लें। इस पहल के तहत 200 से अधिक स्कूलों के साथ साझेदारी की गई है, और 260 से ज्यादा शिक्षकों को क्रिकेट सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। अब तक 4,000 से अधिक बच्चों ने क्रिकेट खेलना शुरू किया है।

अमेरिका में क्रिकेट का बढ़ता रुझान, विशेषकर दक्षिण एशियाई समुदाय में, इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। ICC के कार्यक्रम के तहत प्रमुख शहरों में क्रिकेट को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस पहल से न केवल बच्चों को नए खेल सीखने का अवसर मिल रहा है, बल्कि अमेरिका में क्रिकेट की एक मजबूत संस्कृति का निर्माण भी हो रहा है। यह कार्यक्रम भविष्य में भारत के खेल सामान उद्योग के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।



'प्लेग्राउंड टू पोडियम' कार्यक्रम की शुरुआत का उद्देश्य 2028 ओलंपिक से पहले दस लाख बच्चों को क्रिकेट के खेल से जोड़ना है। इसके तहत 200 से ज्यादा स्कूलों के साथ साझेदारी की गई है, और 260 से ज्यादा शिक्षकों को क्रिकेट सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस पहल में अब तक 4,000 से ज्यादा बच्चों ने क्रिकेट खेलना शुरू किया है, और इसे स्कूलों में भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

ICC के criiio कार्यक्रम के तहत अमेरिका के प्रमुख शहरों, जैसे डलास, न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा, में क्रिकेट को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है। 200 से ज्यादा स्कूलों में इस कार्यक्रम का परिचय कराया गया है और इसे स्कूलों के शारीरिक शिक्षा सत्रों में भी जगह दी गई है। इससे बच्चों को एक नया खेल सीखने और खेलने का मौका मिल रहा है।

डलास और फ्लोरिडा में समर कैंप भी आयोजित किए गए हैं, जहां बच्चों ने क्रिकेट की बुनियादी तकनीकों जैसे गेंद फेंकने, कैच पकड़ने और शॉट लगाने की जानकारी प्राप्त की। इस कार्यक्रम का लाभ उठाते हुए, 500 से ज्यादा बच्चों ने अपने शुरुआती क्रिकेट अनुभव को सजीव किया और इस खेल में अपनी रुचि बढ़ाई।

शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी इस कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है। 260 से अधिक शिक्षकों को क्रिकेट के बुनियादी कौशल सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे अपने-अपने स्कूलों में इस खेल को बढ़ावा दे सकें। ICC ने शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया, जिसमें उन्हें क्रिकेट के बुनियादी नियमों और प्रशिक्षण के तरीकों की जानकारी दी गई। इस प्रकार, ये शिक्षक अब अपनी कक्षाओं में प्रभावी क्रिकेट सत्र आयोजित करने में सक्षम हो गए हैं।

कोचों और अंपायरों के प्रशिक्षण के लिए भी ICC ने विशेष कोर्स शुरू किए हैं। इसके तहत अब तक 100 से अधिक कोच और अंपायर को प्रमाणित किया जा चुका है। इससे अमेरिका में क्रिकेट के खेल का आधार मजबूत करने और इसे स्थिरता प्रदान करने में मदद मिल रही है।

क्रिकेट किट और अन्य आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति भी इस अभियान का हिस्सा है। D.P. World द्वारा समर्थन किए जा रहे उपकरण अभियान के तहत, सैकड़ों महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों को क्रिकेट किट वितरित की गई हैं। इससे खेल तक पहुंच की बाधाएं कम हुई हैं, और अब बच्चे आसानी से क्रिकेट का अभ्यास कर सकते हैं।

ICC और अमेरिकी क्रिकेट की यह पहल अमेरिका और उसके आस-पास के क्षेत्रों में क्रिकेट को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। विश्व कप के दौरान अमेरिका के अलावा बरमूडा, मैक्सिको, केमैन आइलैंड्स, कोस्टा रिका और बेलीज जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने भी क्रिकेट कार्यक्रमों में भाग लिया।

आईसीसी के महाप्रबंधक, विकास, विलियम ग्लेनराइट ने एक बयान में कहा, "टी20 विश्व कप ने अमेरिकी क्षेत्र में क्रिकेट को एक नई पहचान दी है। इस आयोजन का उद्देश्य क्रिकेट को अमेरिकी बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाना है, और अब हमारी नजरें 2028 ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी पर हैं। हम इस खेल को अधिक सुलभ बनाने और अमेरिका में कोचिंग तथा अंपायरिंग के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

‘प्लेग्राउंड टू पोडियम’ कार्यक्रम न केवल अमेरिका में क्रिकेट के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है, बल्कि क्रिकेट के प्रति बच्चों और युवाओं के जोश को भी बढ़ा रहा है। यह उन लोगों के लिए अवसरों का सृजन कर रहा है, जो उभरते खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल अमेरिका में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी क्रिकेट के विकास में सहायक बन रहा है।

अमेरिकी क्रिकेट की यह पहल आने वाले समय में भारत के खेल सामान उद्योग के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि क्रिकेट उपकरणों की मांग बढ़ने से इस उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

अमेरिकी क्रिकेट का यह ‘प्लेग्राउंड टू पोडियम’ कार्यक्रम क्रिकेट को अमेरिका में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य न केवल बच्चों को खेल से जोड़ना है, बल्कि एक मजबूत क्रिकेट संस्कृति का निर्माण करना है, जो आने वाले समय में अमेरिका के खेल जगत में एक नई पहचान बनाएगा।

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