आज, 10 जुलाई को, भारत के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें सबसे अधिक चार सीटें पश्चिम बंगाल की हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश की तीन, उत्तराखंड की दो, तमिलनाडु की एक, मध्य प्रदेश की एक, और पंजाब की एक सीट पर मतदान हो रहा है। ये उपचुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये लोकसभा चुनाव के बाद का पहला चुनाव है, जिससे इनकी महत्वता और भी बढ़ गई है।
इन उपचुनावों में कई प्रमुख और नए उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी इस चुनाव में भाग ले रही हैं, जो इस चुनाव की विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसके साथ ही, इन उपचुनावों के परिणाम विभिन्न राजनीतिक दलों के भविष्य को प्रभावित करेंगे, इसलिए सभी की निगाहें इन परिणामों पर टिकी हैं।
इन उपचुनावों में मतदान की जा रही सीटें निम्नलिखित हैं:
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं: रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा, और मानिकतला। 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने मानिकतला सीट जीती थी, जबकि भाजपा ने रायगंज, रानाघाट दक्षिण, और बागदा में जीत हासिल की थी। अब टीएमसी के साधन पांडे की मृत्यु के बाद मानिकतला पर उपचुनाव हो रहा है। टीएमसी ने इस सीट पर साधन पांडे की पत्नी सुप्ती को उम्मीदवार बनाया है। रायगंज से कृष्णा कल्याणी, रानाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी, और बागदा में मधुपर्णा ठाकुर चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने मानिकतला से कल्याण चौबे, रानाघाट दक्षिण से मनोज कुमार विश्वास, बागदा से बिनय कुमार विश्वास, और रायगंज से मानस कुमार घोष को उम्मीदवार बनाया है।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर, और नालागढ़ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। ये सीटें पूर्व निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह, आशीष शर्मा, और केएल ठाकुर के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थीं। भाजपा ने इन्हीं पूर्व विधायकों को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने देहरा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है, जबकि हमीरपुर में पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ में हरदीप सिंह बावा का मुकाबला होगा।
उत्तराखंड
उत्तराखंड में मंगलौर और बद्रीनाथ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। मंगलौर सीट पर बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर बसपा ने अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को उम्मीदवार बनाया है। बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने के बाद उपचुनाव हो रहा है। यहां भाजपा के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला के बीच सीधा मुकाबला होगा।
पंजाब
पंजाब की जालंधर पश्चिम सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जो मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए महत्वपूर्ण है। शीतल अंगुराल के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई है। इस सीट पर 15 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हो रहा है। आप ने मोहिंदर भगत को, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर को, और भाजपा ने अंगुराल को पुनः उम्मीदवार बनाया है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यहां भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता कमलेश शाह को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने धीरेन शाह को मैदान में उतारा है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देवीराम भलावी भी चुनाव में भाग ले रहे हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु की विक्रवंडी सीट पर उपचुनाव हो रहा है। डीएमके विधायक एन. पुगाजेंथी के निधन के बाद से यह सीट खाली हुई थी। डीएमके ने अन्नियुर शिवा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि एनडीए की सहयोगी पीएमके ने सी. अंबुमणि और एनटीके ने डॉ. अभिनय को उम्मीदवार बनाया है। एआईएडीएमके ने उपचुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
इन उपचुनावों के परिणाम केवल स्थानीय राजनीति की दिशा ही नहीं तय करेंगे, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के संकेतक भी होंगे। क्या भाजपा अपने हालिया लाभ को बनाए रख सकेगी, या कांग्रेस और अन्य दलों की ताकत उभरकर सामने आएगी, यह देखना दिलचस्प होगा। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू की पत्नी की उम्मीदवारी, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा के बीच संघर्ष, और तमिलनाडु में डीएमके और एनडीए के बीच मुकाबला—ये सभी घटनाक्रम भविष्य की राजनीतिक दिशा को आकार देंगे।
इन उपचुनावों के परिणाम 13 जुलाई को आएंगे, जब स्पष्ट होगा कि जनता ने किसे अपना प्रतिनिधि चुना और कौन सी पार्टी को मिलेगा लाभ। यह चुनाव भारत की राजनीतिक परिपाटी में बड़ा बदलाव ला सकता है और आगामी चुनावों के लिए एक संकेतक साबित हो सकता है।
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