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आज का संस्करण

नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2024

हम नहीं सुधरेंगे

अमिताभ श्रीवास्तव

A person wearing a blue hat and glasses

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संदीप दीक्षित या अधीर रंजन चौधरी जैसे लोगों की आज कांग्रेस में ज़रुरत नहीं है।

जब राहुल गांधी जैसे नेता देश और लोकतंत्र बचाने के लिए विभिन्न दलों को अपने साथ मिला रहे हैं ये छुटभैय्ए नेता अपनी ओछी बातों से अपनी पार्टी की मिट्टी पलीद करने में लगे हैं।

जिस तरह संदीप दीक्षित बड़े नेताओं के सामने कन्हैया पर चिल्लाये उससे साफ़ पता चलता है वो भी भाजपा में घुसने को बेताब हैं।

उनका कहना है कि कन्हैया ने इंदिरा गांधी के लिए क्या क्या नहीं कहा।अगर भाजपा भी सिंधिया को और कांग्रेस के दल बदलुओं को जो थोक में बिक‌ रहे हैं गिनाने लगती कि उन्होंने कांग्रेस में रहते मोदी को क्या क्या गालियां दीं तो उनका क्या हश्र होता।

असल में संदीप दीक्षित की पुरानी लड़ाई केजरीवाल से है जिसकी भड़ास उन्होंने कन्हैया पर निकाल दी।

अधीर रंजन को अपनी नेता गिरी खतरे में लगी इसलिए उन्होंने ममता को ऐसी बातें बोल दीं कि इंडिया नाम देनै वाली ममता ने खुद कांग्रेस से नाता तोड़ लिया।

चुनाव परिणाम में नेस्तनाबूद होने के बाद इनके जैसे छुटभैय्ए नेता तो निश्चित ही भाजपा में घुस जायेंगे।

और भाजपा की गुंडागर्दी झेलने के लिए बचेगा सिर्फ 'परिवार वादी' गांधी परिवार।

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