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आज का संस्करण

नई दिल्ली, 28 मार्च 2024

धंधेबाज कवि

 

बतर्ज फिल्म दीवार..

 

एक धंधेबाज नकली कवि ने

असली कवि से कहा..

मेरे पास बड़े बड़े मंच हैं

हजारों की भीड़़ है..

भीड़़ की तालियां हैं..

मोटे मोटे लिफाफे हैं..

टीवी चैनल हैं..

दौलत है, शोहरत है..

तुम्हारे पास क्या है..!

असली कवि ने कहा..

" मेरे पास कविता है.. !! "

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-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

 

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