Thought for the Day
21 Nov 2024
बतर्ज फिल्म दीवार..
एक धंधेबाज नकली कवि ने
असली कवि से कहा..
मेरे पास बड़े बड़े मंच हैं
हजारों की भीड़़ है..
भीड़़ की तालियां हैं..
मोटे मोटे लिफाफे हैं..
टीवी चैनल हैं..
दौलत है, शोहरत है..
तुम्हारे पास क्या है..!
असली कवि ने कहा..
" मेरे पास कविता है.. !! "
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-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
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