image

भावना राजेश्वरी

 

नई दिल्ली, 3 जुलाई 2024

में सभी को बरसात की पहली फुहार का इन्तजार रहता है जो कि धूल धक्कड़ भरे दिनों की एकरसता को कम कर देती है। बरसात की शुरुआत मे किसका मन ड्राइविंग करने के लिए नहीं मचलता  बदलते मौसम के कारण मन में तरंग तो उठती है साथ ही हम सावधानी को भी नज़रअंदाज़ कर देते है। अगर आप ऐसा नहीं भी करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप हर मौसम में एक ही तरह से ड्राइविंग करे, जब मौसम बदलता है तो हमें अपने ड्राइविंग के तरीके भी बदलने चाहिए। ड्राइविंग की हिदायतों में ऐसी कोई रहत्यमयी बात नहीं है। वह तो एक सामान्य सूझ-बूझ की ही बात है।

 

सर्वप्रथम बरसात शुरू होने के पहले गाड़ी की जांच-परख करनी चाहिए। इंजन से शुरुआत करें, विशेषकर कम्प्रेशान देखिए, ब्रेक्स और ब्रेकशूज  की अलीभांति जांच बहुत जरूरी है। टायरों की हालात को बारीकी से देखिये- मोटर गाड़ियों के लिए कम से कम 2 मि. मी. का टायर ट्रेड ही सुरक्षित होता है। वाइपर ब्लेइस को परख लीजिए, वे भली प्रकार काम कर रहे है या नहीं। कार की इलेक्ट्रिकल व्यवस्था भी जांच करवा लीजिए ताकि आपको संभावित खामियों का पता चल सके और हाँ, अपनी कार में जंग-रोधक उपचार अवश्य करवा ले, अब आपकी कार सफर के लिए तैयार है, पर क्या आप तैयार है ?

----------

 

लेख एक नज़र में

 

यहाँ बरसात के मौसम में ड्राइविंग के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

 

बरसात शुरू होने से पहले अपनी गाड़ी की जांच कर लें, इंजन, ब्रेक्स, टायर्स और वाइपर ब्लेड्स की हालात को देखें। ड्राइविंग के दौरान सावधानी बरतें, गीली सड़कों पर ब्रेक के लिए अधिक अंतर की ज़रूरत होती है।

अपनी प्रतिक्रिया के लिए अधिक समय चाहिए और अगली गाड़ी से पर्याप्त दूरी बनाए रखनी चाहिये। बरसात में पैदल चलनेवालों और साइकल सवारों का विशेष ख्याल कीजिए। रात में ड्राइविंग न कीजिए और सड़क पर चलते फिरते अन्य लोगों का भी ध्यान रखिए।

 अपनी गाड़ी का खास ख्याल करें और नियमित जांच करें। इससे आपके शरीर और जेब को भी फायदा होगा।

 

----------

जब भी बरसात में ड्राइविंग का जिक्र होता है तो कहा जाता है कि पहली फुहार ही सबसे खतरनाक होती है! बचे खुचे तेल और ग्रीज से मिलकर पानी सड़क पर एक चिकनी परत छोड़ता है। इसलिए अपने वाहन की रफ्तार कम रखिये।

 

इन दिनों आपको स्वयं देखने, अपनी उपस्थिति का आभास अन्य ड्राइवरों को देने, और अपनी प्रतिक्रिया के लिए अधिक समय चाहिए। गीली सड़कों पर ब्रेक के लिए अधिक अंतर की भी ज़रूरत होती है। इन सब को ध्यान में रखते हुए अगली गाड़ी से पर्याप्त दूरी बनाए रखनी चाहिये।

 

गाड़ी का फिसलना एक भयावह अनुभव होता है- खासकर जब फिसलने वाली गाड़ी आपकी हो। गीली चिकनी सतह पर आप जब जब तेजी से गाड़ी की रफ्तार बढ़ाते है, लहसा ब्रेक लगाते है या कार एकदम मोड़ते है तो गाड़ी फिसल सकती है। गाड़ी फिशलने के लिए आप किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। ज्यादातर कार खुद व खुद नहीं फिसलती बल्कि उसके पीछे चलाने वाले का हाथ होता है।

 

बरसात आपकी आंखों के आगे अजीबोगरीब खेल खेलती है। बिंडशील्ड के पार आप ठीक से देख नहीं पाते। कार के शीशे अंदर से, यहां तक कि रियर व्यू मिरर तक धुंधला जाते है। जांच कर ले कि आपके वाइपर ब्लेड ठीक से काम कर रहे है। गाड़ी पीछे करते समय आपको अधिक सावधानी बरतनी पड़ेगी। दिन में भी हेडलाइट्स का इस्तेमाल ही श्रेयस्कर  होता है। जितनी कम दृष्यता होगी आपको उतनी ही अधिक सावधानी रखनी होगी।

 

सड़क पर चलते फिरते अन्य लोगों का भी ध्यान रखिए। पैदल चलनेवालों का विशेष ख्याल कीजिए, अक्सर लोग बरसात से बचने के फिकर में आसपास का ध्यान नहीं रखते और सड़क के खतरों को नज़रअंदाज कर देते है। साइकल सवारों और हाथ गाड़ी वालों में संभलकर रहिए क्योंकि बरसात की वजह ते उन्हें कम नजर आता है। जहां तक हो सके रात में ड्राइविंग न कीजिए।

 

हमारी सड़कों पर एक और भयानक खतरनाक दुश्मन सहसा प्रकट होता है गढड़ा। साहता प्रकट होने वाले ये गढडे न केवल आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंचा सकते है बल्कि आप उस पर अपना नियंत्रण भी खो सकते है।

 

बरसात में अपनी गाड़ी का खास ख्याल करे। कार और टायर की नियमित जांच करें। अपने ब्रेकों को भी समय समय पर जांचते रहे। जब मौसम ज्यादा ही खराव हो तो अपनी गाड़ी को थोड़ा आराम दे। बेहतर तो ये होगा कि गाड़ियों को साझे में इस्तेमाल करे। इससे सड़क पर कम भीड़ होगी और आपके शरीर और जेब को भी फायदा होगा।

 

बदला हुआ मौसम सुखद लगता है, न कि दुर्घटनाएं. दुर्घटनाएं खराब मौसम के कारण नहीं बल्कि खराब ड्राइविंग के कारण होती है।

  • Share: