राम माता पिता की,
आज्ञा मानकर,
राजगद्दी छोड़कर,
वन गए.
जनता ने उनकी,
जय जयकार की.
सम्मान किया!
भरत भी,
माता पिता की,
अवज्ञा कर के,
राजगद्दी छोड़ कर,
वन गए.
जनता ने,
भरत की भी,
जय जय कार की .
राम जैसा ही सम्मान किया
लोगो ने हैरान होकर,
प्रश्न किया -
माता पिता की,
आज्ञा मानने वाले की,
और अविज्ञा करने वाले की,
जनता ने एक जैसा ही
जयजयकार कैसे किया,
और सम्मान कैसे दिया?
उत्तर मिला--
जनता को न तो,
माता पिता की,
आज्ञा से मतलब है,
न ही अविज्ञा से
वह तो ,
हर कुर्सी छोड़ने वाले की,
जय बोलती है !
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