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प्रशांत गौतम

A person in a suit

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नई दिल्ली | सोमवार | 21 अक्टूबर 2024

क्टूबर 19, 2024 की शाम, एम. बी. के. एम. फाउंडेशन ने एक स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के विषय पर केंद्रित था। इस स्मृति व्याख्यान का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व को समझना और समाज को इस तकनीक के प्रभाव से अवगत कराना था l

स्मृति व्याख्यान की शुरुआत श्री मनमोहन स्वरूप जी के लिए फूलों की श्रद्धांजलि से हुई, जहाँ सभी उपस्थित लोगों ने उनकी यादों को सम्मानित किया। एम. बी. के. एम. फाउंडेशन के चेयरमैन, प्रो. प्रदीप माथुर जी ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने मेहमानों का स्वागत किया।

उनके बाद, फाउंडेशन के महासचिव श्री राजीव माथुर जी ने एम. बी. के. एम फाउंडेशन का परिचय देते हुए इसके उद्देश्यों को व्यक्त किया।

उनके बाद, श्री आर.एस. अत्रोले जी ने श्री मनमोहन स्वरूप की स्मृतियों को याद करते हुए कहा, "श्री स्वरूप जी ने अपने जीवन में हमेशा सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी, और उनका जीवन हमारे लिए एक आदर्श रूप में बना रहेगा।"



लेख एक नज़र में

अक्टूबर 19, 2024 की शाम, एम. बी. के. एम. फाउंडेशन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर एक  स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य AI के महत्व को समझाना और समाज को इसके  प्रभाव से अवगत कराना था, साथ ही श्री मनमोहन स्वरूप की स्मृति को सम्मानित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत श्री स्वरूप के लिए श्रद्धांजलि से हुई। एम. बी. के. एम.  फाउंडेशन के चेयरमैन, प्रो. प्रदीप माथुर ने स्वागत भाषण दिया। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विशेषज्ञ प्रो. जी.वी.एस. राव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग शामिल थे। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के व्यावहारिक उपयोगों, जैसे हेल्थकेयर और शिक्षा, के उदाहरण दिए।

मुख्य अतिथि डॉ. योगेन्द्र नारायण ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य पर अपने विचार साझा किए और श्री स्वरूप के योगदान को याद किया। कार्यक्रम का समापन नीतिन अत्रोले ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।



इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्मृति व्याख्यान था, जिसके लिए अनिल जौहरी जी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विशेषज्ञ प्रो जी.वी.एस. राव का परिचय दिया। अनिल जौहरी जी ने उनके कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में योगदान को सराहा और उनका स्वागत किया।

 प्रो जी.वी.एस. राव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विषय में अपने विचार व्यक्त किए और इस तकनीक के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के काम करने के तरीके, मशीन लर्निंग, और डीप लर्निंग जैसे महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट्स को स्पष्ट किया।

प्रो राव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के व्यावहारिक उपयोगों के उदाहरण दिए जैसे हेल्थ केयर, शिक्षा, और बिजनेस ऑटोमेशन। उन्होंने कहा, "कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज के युग की एक ऐसी तकनीक है जो हर क्षेत्र को सुधारने की क्षमता रखती है। हमें इस तकनीक का सही उपयोग करते हुए व्यक्ति और समाज का विकास करना चाहिए।"

इसके बाद सुचना तकनीकी विशेषज्ञ श्री अभिनव श्रीवास्तव जी ने भी इस विषय पर अपने विचार रखे और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अनंत सम्भावनाओ पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. योगेन्द्र नारायण जी ने अध्यक्षीय भाषण दिया । डॉ. नारायण,  राज्य सभा के पूर्व महासचिव और भारत के पूर्व रक्षा सचिव तथा, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नारायण जी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य और उसके प्रभाव पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, "कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से दुनिया में नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, लेकिन हमें इसके दुरुपयोग से भी सावधान रहना होगा। सिर्फ तकनीक ही नहीं, हमें इस तकनीक के सामाजिक प्रभाव को भी समझना होगा।"

डॉ. नारायण जी ने श्री मनमोहन स्वरूप के योगदान को याद करते हुए उनका सम्मान किया। उन्होंने कहा, "श्री स्वरूप के विचार हमारे लिए हमेशा एक मार्गदर्शक रहेंगे, और एम. बी. के. एम. फाउंडेशन उनके आदर्शों को आगे बढ़ाता रहेगा।"

इस अवसर पर शिक्षा, पत्रकारिता, कानून, बैंक तथा बीमा सेवा, सेना और स्वास्थ सेवा जैसे क्षेत्रो से पधारे वरिष्ठ अतिथिजनो को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के समापन पर नीतिन अत्रोले जी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया जो इस विशेष अवसर पर उपस्थित हुए।

इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्मृति व्याख्यान के माध्यम से, एम. बी. के. एम. फाउंडेशन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विषय में जागरूकता फैलाई। यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए एक प्रेरक संदेश था जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते हैं। आने वाले समय में, एम. बी. के. एम. फाउंडेशन का यह प्रयास समाज को नई सोच और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने में मददगार होगा।

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