ख़ुद को कह अवतार, घृणा फैलाइये
कर लोकतंत्र को ख़त्म, ध्यान लगाइये l
माथा कम खपाइये, सो जाइये
भक्ति कर खो जाइये, मर जाइये l
अगले जन्म में जाइये, सुख पाइये
यह जन्म तो है एक भरम, दुःख पाइये l
कुछ न करते बने, गाल बजाइये
गोदी में बस बैठ, भक्त कहलाइये l
- सुधांशु मिश्
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