प्रशांत कुमार गौतम
नई दिल्ली, 4 जून 2024
इस संवेदना सुनिए विश्व में अनगिनत दुर्भाग्यशाली बच्चे ऐसे हैं जो हिंसा के शिकार होते हैं। उनमें से कई अपने बचपन की सुंदर यादों को खो देते हैं, जबकि कुछ लंबे समय तक चोट और पीड़ा झेलते रहते हैं। ऐसे बच्चों के लिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एक विशेष दिन को निर्धारित किया है - "अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बच्चों के पीड़ितों के लिए दिवस"। यह दिन 4 जून को हर साल मनाया जाता है, जिसमें दुनिया भर में बच्चों को भूखे, गरीबी, शिक्षा की कमी, जलन्त और आतंकवाद के खिलाफ संरक्षण प्रदान करना। बच्चो को पीड़ित होने से बचाने और उन्हें समर्थ बनाने का संकल्प लिया जाता है।
यह दिन उन बच्चों को समर्पित है जो विभिन्न कारणों से हिंसा का शिकार बन जाते हैं, दुनिया भर में, लाखों बच्चे विभिन्न प्रकार के आक्रमणों को सहते रहते हैं। यूनिसेफ से लिए गए डेटा से पता चलता है कि अकेले 2020 में, लगभग 426 मिलियन बच्चे संघर्ष क्षेत्रों में रह रहे थे। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों के खिलाफ 25,000 से अधिक गंभीर उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें हत्या, अपंगता, अपहरण, यौन हिंसा, युद्ध, आतंकवाद, आतंकी हमले, घरेलू हिंसा, बाल श्रम शामिल है। यह दिन हमें उन बच्चों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने और उन्हें समर्थ बनाने के महत्व को याद दिलाता है।
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बच्चों के साथ होने वाले अत्याचार की चिंता दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। हर साल 4 जून को मनाया जाता है 'अंतर्राष्ट्रीय बाल के निर्दोष पीड़ितों का दिवस',
जिसका मुख्य उद्देश्य है बच्चों की सुरक्षा और उनके समर्थ विकास को प्रोत्साहित करना। यह दिन बच्चों के अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने और समाज को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
इस दिन के माध्यम से हमें बच्चों के साथ अन्याय और हिंसा के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ होने का संकल्प लेना चाहिए।
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अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बच्चों के पीड़ितों के लिए दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा और उनकी समर्थ विकास को प्रोत्साहित करना है। इस दिन के माध्यम से समाज को जागरूक किया जाता है।
इस दिन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1982 में इजरायली आक्रमण के शिकार फिलिस्तीनी और लेबनानी बच्चों की भयावह संख्या के जवाब में की गई थी। गाजा और यूक्रेन के हाल के बच्चों के पीड़ितों ने इस संख्या को और बढ़ा दिया है। यह दिन सभी उन बच्चों को समर्पित है जो विभिन्न रूपों में हिंसा और उत्पीड़न का शिकार होते हैं।
बच्चों का उत्पीड़न और हिंसा एक गंभीर समस्या है जो पूरे विश्व में प्रसारित है। बाल हिंसा के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए इस दिन को मनाने का उद्देश्य है ताकि हम सभी मिलकर बच्चों को सुरक्षित बना सकें। यह एक दिन है जब हम अपनी सोच को बदल सकते हैं और बच्चों के अधिकारों को पहचान सकते हैं।
बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए, सरकारें, सामाजिक संगठन और अन्य संगठन निरंतर काम कर रहे हैं। कानूनी संरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा, शिक्षा और जागरूकता को बढ़ाने के लिए भी कई काम कर रहे है। इस दिन के मौके पर, हम सभी को बच्चों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए एक संकल्प लेना चाहिए। हमें यहां तक कि अपने समुदाय में बच्चों को संरक्षण प्रदान करने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
बच्चों की हिंसा के खिलाफ लड़ाई में हमारी भागीदारी आवश्यक है। हमें एक समाज बनाना है जहां हर बच्चा सुरक्षित महसूस करे और अपने अधिकारों का उपयोग कर सके। इस दिन को मनाने से पहले, हमें बच्चों की स्थिति को समझने और उनके संघर्षों को समझने का समय है।
इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर, हमें एक समाज बनाने के लिए संकल्पित रहना चाहिए जो हर बच्चे को उनके अधिकारों का उपयोग करने का मौका देता है। हमें एक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाने का समय है, जो बच्चों को सुरक्षित महसूस कराऐ।
इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाकर, हम एक साथ आगे बढ़ सकते हैं और एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम उठा सकते हैं। बच्चों के अधिकारों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है और हमें इसे निभाना चाहिए।
यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे समाज में बच्चो को भगवान का रूप कहा जाता है और इन्ही मासूम बच्चों के अधिकारों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सभी मिलकर इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए ताकि हम एक शक्तिशाली समाज का निर्माण कर सकें।
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