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अनूप श्रीवास्तव

नई दिल्ली, 30 मई 2024

 

चौंक चौंक जायेंगे चुनाव के नतीजे सुन!

 

दूर से ही दिखता है चुनाव के हावभाव,

 इस  बार  खायेंगे  भैया   बड़े-बड़े   दाँव,

राजा होंगे रंक और रंक होगे राजा,

 कहीं पर होगी धूप और कहीं होगी छाँव ।।

 

 

तुरही नगाड़ा बजा, मौहर औ बीन बजी,

 राजनीति का परन्तु बदला नहीं स्वभाव,

 - लहर  भंवर   उठ   गिर रही  एक   साथ,

जनता   समुद्र में   चुनाव की पड़ी है नाव

 

 

 

 

 बोल पड़े आप यह बात नहीं न्यारी है।

 पार्टियों की वही लीक,

 मंच पर रहे झींक,

 कुछ हैं बजाते तवा और कुछ थारी है।।

 जेठ और बहू भिड़ी,

 देवर से भाभी अड़ी

नेता पर पड़ रहा अभिनेता भारी है।

 सिर पर आरी है

 चुनाव दुधारी भारी,

मतदाता   नहीं   निपट   अनारी है।

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