image

महिलाओं को पूर्ण  सुरक्षा और सम्मान की आवश्यकता

इंदु रानी सिंह

A person with long hair wearing a pink shirt

Description automatically generated

नई दिल्ली | सोमवार | 25 नवम्बर 2024

हिला हिंसा दिवस के अवसर पर हमें महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत ने महिलाओं को उनका उचित स्थान देने में लंबा सफर तय किया है। हमारे पास राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिष्ठित महिलाएं रही हैं। लेकिन इस सबके बावजूद, महिलाओं को आज भी कई क्षेत्रों में सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से संघर्ष करना पड़ता है।

हमारे देश में महिला सशक्तिकरण की शुरुआत इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुई, जब उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण और साहसिक फैसले लिए। उनके कार्यकाल में बैंकों का राष्ट्रीयकरण, रियासतों के विशेषाधिकार खत्म करने जैसे क्रांतिकारी कदम उठाए गए। लेकिन इसके बावजूद, उनके खिलाफ कई व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की गईं, जैसे कार्टूनिस्ट शंकर द्वारा उन्हें "महिलाओं के मंत्रिमंडल में एकमात्र पुरुष" के रूप में दिखाना। यह हमारे समाज की मानसिकता को दर्शाता है कि कैसे एक मजबूत महिला को भी पुरुषों के बराबर सम्मान नहीं मिला।

यह मानसिकता केवल उच्च पदों पर ही नहीं, बल्कि आम जीवन में भी देखने को मिलती है। महिलाएं आज भी कार्यस्थल से लेकर घर तक असमानता, हिंसा और भेदभाव का सामना करती हैं। घरेलू हिंसा, शारीरिक शोषण, मानसिक उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दे हमारे समाज में आम हैं। यह चिंता का विषय है कि आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र।

 

लेख एक नज़र में
महिला हिंसा दिवस के अवसर पर हमें महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता की आवश्यकता पर ध्यान देना चाहिए। भारत ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन आज भी महिलाएं सामाजिक और सांस्कृतिक असमानताओं का सामना कर रही हैं।
इंदिरा गांधी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की शुरुआत हुई, लेकिन उनके खिलाफ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां समाज की मानसिकता को दर्शाती हैं। महिलाओं को कार्यस्थल और घर में असमानता, हिंसा और भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
महिला हिंसा दिवस का उद्देश्य केवल हिंसा के मुद्दे को उजागर करना नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने की आवश्यकता को भी रेखांकित करना है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिलाएं हर क्षेत्र में समान अवसर और सुरक्षा प्राप्त करें।
आज, हम संकल्प लें कि हम महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए प्रयास करेंगे, ताकि वे स्वतंत्रता और स्वाभिमान के साथ जीवन जी सकें।

 

समाज में महिलाओं की स्थिति को बदलने के लिए हमें केवल कानून पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने की आवश्यकता है। महिला हिंसा दिवस का उद्देश्य केवल इस तथ्य को रेखांकित करना नहीं है कि महिलाएं हिंसा की शिकार होती हैं, बल्कि इस अवसर पर यह विचार करना चाहिए कि हम क्या बदलाव ला सकते हैं ताकि महिलाएं सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

कानूनी प्रावधान और नीतियां महत्वपूर्ण हैं, परंतु असली बदलाव तब आएगा जब समाज की मानसिकता में बदलाव होगा। हर व्यक्ति को यह समझना होगा कि महिलाओं के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि समाज के विकास में भी बाधक है। महिला हिंसा दिवस पर हमें अपने आसपास के माहौल को समझना चाहिए और यह देखना चाहिए कि कहीं हम भी तो अनजाने में इस भेदभाव का हिस्सा नहीं बन रहे हैं।

इस दिन का उद्देश्य न केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि समाज में महिलाओं के प्रति हर स्तर पर समानता हो। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, कार्यस्थल हो, राजनीति हो या घर की चारदीवारी, महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं के लिए समान अवसरों की व्यवस्था समाज को मजबूत बनाएगी और एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेगी।

आज जब हम महिला हिंसा दिवस मना रहे हैं, हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समानता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हमारे समाज में हर महिला को उसके अधिकार, अवसर और सुरक्षा मिलनी चाहिए। अगर हम इसे अपने जीवन का हिस्सा बना सकें, तो यह दिन वास्तविक मायनों में सफल होगा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

महिला हिंसा दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो हमें यह याद दिलाता है कि महिलाओं के प्रति हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में हमें अपने प्रयास जारी रखने होंगे। हमें महिलाओं के लिए एक ऐसा समाज बनाना है जहां उन्हें सम्मान, सुरक्षा और समानता प्राप्त हो, ताकि वे स्वतंत्र और स्वाभिमान के साथ अपना जीवन जी सकें।

***************

लेखिका  एक गैर सरकारी संगठन प्रयास के कार्यकारी निदेशक है।

  • Share: