इश्क को समझना आसान नहीं, इसे पूरी तरह महसूस किया जा सकता है। प्यार के भाव पर न जाने कितने ही शायरों, साहित्यकारों, और वैज्ञानिकों ने अपनी राय रखी है। लेकिन प्यार का जादू सिर्फ किसी इंसान से बंधा नहीं होता, ये आपके दिल में किसी भी चीज़ के प्रति हो सकता है – चाहे वो आपकी ज़िन्दगी हो, कोई शौक हो, या फिर आपका पैशन।
कबीर का प्रेम
जैसे कबीर ने कहा था:
"कबीर प्याला प्रेम का, अंतर लिया लगाय,
रोम रोम में रमि रहा, और अमल क्या खाय!"
कबीर के अनुसार प्रेम का रस पीने के बाद इंसान का हर रोम रोम उस प्रेम से भर जाता है, और उसे किसी बाहरी चीज़ की आवश्यकता नहीं होती। चाहे सुविधाएं हों या आराम, प्रेम में इंसान सब कुछ भूलकर केवल उस एक भाव में रम जाता है।
प्रेम की मस्त अदाकारी
अज्ञेय ने भी अपने शब्दों में प्रेम को एक नए दृष्टिकोण से देखा। उनके अनुसार प्यार किसी दो व्यक्तियों के बीच का बंधन मात्र नहीं है, बल्कि यह एक भावना है जो पूरे विश्व के प्रति हो सकती है। यह जरूरी नहीं कि प्यार किसी एक व्यक्ति के प्रति हो, बल्कि प्यार तो एक ऐसा एहसास है जिसे आप पूरी मानवता, अपनी जिंदगी, या खुद के प्रति भी महसूस कर सकते हैं।
प्रेम दिल से या दिमाग से?
कई बार लोग पूछते हैं कि प्यार दिल से होता है या दिमाग से? वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो प्यार वास्तव में दिमाग से शुरू होता है। जैसे ही आप किसी से मिलते हैं, आपके दिमाग में कई तरह के केमिकल रिएक्शन होने लगते हैं। यह प्रक्रिया मात्र 0.2 सेकंड में हो जाती है, जिसमें दिमाग से डोपेमाइन, ऑक्सीटोसिन, एड्रेनलिन और कई अन्य हॉर्मोन निकलते हैं।
इन्हीं हॉर्मोन्स के कारण जब आप अपने प्रेमी या प्रेमिका से मिलते हैं तो आपकी धड़कनें तेज हो जाती हैं, हाथों में पसीना आता है और होठ सूखने लगते हैं। ये सब एड्रेनलिन के कारण होता है, जिसे अक्सर लोग दिल की गलती मान लेते हैं। असल में, यह सब दिमाग के कारण होता है।
प्यार का वैज्ञानिक पक्ष
अमेरिकी न्यूरोसाइंटिस्ट स्टेफनी ऑर्टिंग के अनुसार, प्यार में इंसान को सुपर पावर जैसा अहसास होता है। उनके रिसर्च से यह साबित हुआ है कि जब इंसान प्रेम में होता है, तब उसका दिमाग अलग धुन पर काम करता है, और वह ऐसा महसूस करता है कि वह दुनिया का कोई भी काम कर सकता है।
स्टेफनी खुद भी इस प्रेम के अनुभव से गुज़री थीं। एक न्यूरोसाइंस कॉन्फ्रेंस में उनकी मुलाकात जॉन कैसिओप्पो से हुई। कैसिओप्पो ने अपनी रिसर्च में दिखाया कि अकेलापन सेहत के लिए हानिकारक होता है। उनके साथ बिताए पल स्टेफनी के लिए खास थे, और यह रिश्ता आगे बढ़ते-बढ़ते शादी में बदल गया। हालाँकि कैसिओप्पो का साथ ज्यादा समय तक नहीं रहा, लेकिन स्टेफनी ने इस प्रेम के एहसास को गहराई से महसूस किया और अपनी किताब 'वायर्ड फॉर लव' में इसे विस्तार से बताया।
प्रेम के अद्भुत फायदे
1. स्ट्रेस से छुटकारा: प्यार में इंसान को एक अपनापन और सुरक्षा का एहसास होता है, जिससे तनाव कम हो जाता है और डिप्रेशन से बचाव होता है।
2. दिल की सेहत: टेक्सास यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग खुशहाल रिश्तों में होते हैं, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
3. ब्लड प्रेशर नियंत्रण में: एनल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन की स्टडी के अनुसार, प्यार में ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है, जिससे दिल की सेहत अच्छी रहती है।
4. दर्द की कमी: प्यार में होने से दिमाग के वे हिस्से एक्टिव हो जाते हैं, जिनसे दर्द का एहसास कम हो जाता है। सिरदर्द और पीठ दर्द की शिकायत कम होती है।
5. तेजी से हीलिंग: प्यार में शरीर की घाव तेजी से भरते हैं और अगर कोई बीमारी होती भी है, तो इंसान जल्दी ठीक हो जाता है।
6. बेहतर नींद: प्यार में रहने से ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो अच्छी नींद दिलाने में मदद करते हैं।
7. स्किन पर ग्लो: नेशनल सेंटर्स फॉर बायोटेक्नोलॉजी एंड इंफॉर्मेशन की स्टडी बताती है कि प्यार में होने से आपकी स्किन पर भी निखार आता है।
8. लंबी उम्र: अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी के अनुसार, जो लोग स्वस्थ रिश्तों में होते हैं, वे सिंगल या अनहेल्दी रिश्तों में रहने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
प्यार केवल दिल या दिमाग तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसा एहसास है जो जीवन को बदल देता है। चाहे वह आपकी सेहत हो, मानसिक स्थिति हो, या आपकी उम्र – प्यार का असर हर जगह देखने को मिलता है।
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