image

नई दिल्ली, 04, अक्टूबर 2023

पुस्तक  समीक्षा: मारुति सुजुकी मजदूरों का अनंत संघर्ष: फैक्ट्री जापानी प्रतिरोध हिन्दुस्तानी  

भगवती प्रसाद डोभाल

 
ह पुस्तक इसी वर्ष लिखी गई है. इसका मुखपृष्ठ ही नहीं, संपूर्ण पुस्तक मारुति सुजुकी मजदूरों के अनंत संघर्ष की कहानी है. इस पुस्तक की लेखिका अंजली देश पांडे और नंदिता हक्सर हैं. पहले पुस्तक को हाथ में लेने पर लगा कि यह कोई विशेष नहीं है, पर जब मैं इसके अंदर के पृष्ठों को पढ़ने लगा, तब लगा कि भारत में यह पुस्तक मजदूरों की अनंत व्यथा को दर्शाती है. भले ही यह मरुति कारखाने में काम कर रहे मजदूरों पर लिखी गई है, लेकिन यह पूरे भारत में मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों की व्यथा का जीता-जागता ग्रंथ है.                        

देश में अस्सी के दशक में पहली बार भारत में छोटी कार के निर्माण का प्रस्ताव किया. इससे पहले 1954 तक भारत में 60 किस्म की कारें होती थीं. इनमें अधिकांश आयातीत थीं और सालभर में सिर्फ 20 हजार कारें ही बिका करती थीं. आयात पर विदेशी मुद्रा खर्च होती थी. उस समय देश इस अवस्था में नहीं था, जो इस बोझ को झेल सकता था. इस लिए स्वदेशी गाड़ियों को बनाने पर जोर दिया गया था. आयात पर इसीलिए अधिक कर लगाया गया था. इसका नतीजा यह हुआ कि जनरल मोटर्स और फोर्ड कंपनियों ने भारत में अपने आयातित अंगों से कार की असेंबली के काम को बंद कर दिया.                                          

इस सब को देखते हुए काफ़ी प्रयासों से मारुति सुजुकी ने छोटी कारों को बनाना शुरू किया, छोटी कारों को देश में बनाने का आइडिया संजय गांधी का था. इन कारों के पार्ट्स जापान से आते थे. यहां सिर्फ असेंबली होती थी. देश में यह काम इतना चल निकला कि उसके बाद कयी विदेशी कंपनियां यहां अपने उद्योग लाने लगीं, इसके कारण आज आटो उद्योग चरम पर है. बहुत सारी देशी-विदेशी  कारें, छोटी- बड़ी सभी देश में उपलब्ध हैं. लेकिन देश के मजदूर हाशिये पर कर दिए गए हैं. सस्ती मजदूरी  हर उद्योग देश के इन मजदूरों को दे रहा है, उसके बदले देश- विदेश के सभी उद्योगपति अंधाधुंध कमाई कर रहे हैं. लेकिन भारत का यह कमाऊ पूत अपनी रोजीरोटी से आगे नहीं बढ सकते. उनको पीसा जा रहा है. इसका जीता-जागता उदाहरण मारुति सुजुकी उद्योग है.                          

मजदूरों के इस संघर्ष को लेखिका अंजली देशपांडे और नंदिता हक्सर ने इस पुस्तक के माध्यम से कहने का प्रयास किया है. इसमें लेखिका द्वय ने काफी रिसर्च किया है, उन मजदूरों को, जिन्हें झूठे मुकदमें डलवा कर आज भी जेलों में जीवन काटने को मजबूर कर रखा है. और उनकी जगह ऐसे ठेके के मजदूरों को रखा हुआ है, जो अपने ऊपर हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज नहीं उठा सकते. देश में सस्ती लेबर होना ही पाप  है.                          

एक मजदूर इस तरह से अपनी आपबीती इस प्रकार बता रहा है, "जिया लाल मेरा नाम है. मैं आजकल जेल में हूं. भोंडसी जेल में. मुझको उम्रकैद मिली है. मैं मारुति की मनेसर फैक्ट्री में काम करता था. अब तो मैं बहुत मशहूर हो गया हूं. मैं इस तरह मशहूर नहीं होना चाहता था... आप लोग सोच रहे होंगे कि मैंने कुछ बुरा किया ही होगा, जो इतनी बड़ी सजा दी. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, तब भी मेरे को उम्रकैद मिली है. जेल में रहता हूं."                                             

इस पूरी पृष्ठ भूमि को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि सुजुकी के लिए मरुति क्या है. जब शुरू शुरू में मारुति बनी थी, तब उसके लिए मारुति क्या थी? और इतने सालों बाद मारुति की अब उसकी नजर में हैसियत क्या है? यह जानना अच्छा रहेगा. सुजुकी के लिए मारुति विदेश में लगा अपना वर्कशाप था, जो मुनाफा कमाकर उसे और अमीर बना सकती थी. यह बात साफ होनी चाहिए कि सुजुकी के लिए मारुति सिर्फ एक वर्कशाप था, जो उसे मुनाफा दे सके. और उसके अलावा कुछ नहीं था."

यह शब्द थे पूर्व मैनेजर सत्यनारायण के.                                              

अंजली देशपांडे  कइ आंदोलनों और अभियानों से जुड़ी रही हैं. शोध पर आधारित यह पुस्तक भारतीय मजदूरों की व्यथा पर प्रकाश डालती है.                            

इस पुस्तक की दूसरी लेखिका वकील है, मानवाधिकारों पर मुहिम चलाती रही हैं और उनके केस भी लड़े हैं, इस तरह से पुस्तक प्रमाणिक है, भारतीय मजदूरों की व्यथा और दशा पर. इसलिए पठनीय है.                            

पुस्तक: मारुति सुजुकी मजदूरों का अनंत संघर्ष: फैक्ट्री जापानी, प्रतिशोध हिंदुस्तानी

लेखिका:अंजली देशपांडे और नंदिता हक्सर;प्रकशक मीडिया स्टडीज ग्रुप, ए-4/5, सेक्टर 18, रोहिणी, दिल्ली-85, पृष्ठ 280, मूल्य रुपये 350.

  • Share:

Fatal error: Uncaught ErrorException: fwrite(): Write of 141 bytes failed with errno=122 Disk quota exceeded in /home2/mediamapco/public_html/system/Session/Handlers/FileHandler.php:407 Stack trace: #0 [internal function]: CodeIgniter\Debug\Exceptions->errorHandler(8, 'fwrite(): Write...', '/home2/mediamap...', 407) #1 /home2/mediamapco/public_html/system/Session/Handlers/FileHandler.php(407): fwrite(Resource id #9, '__ci_last_regen...') #2 [internal function]: CodeIgniter\Session\Handlers\FileHandler->write('9cb3055e2d7c37d...', '__ci_last_regen...') #3 [internal function]: session_write_close() #4 {main} thrown in /home2/mediamapco/public_html/system/Session/Handlers/FileHandler.php on line 407