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आज का संस्करण

नई दिल्ली, 15 मई 2024

डॉ रवींद्र कुमार

 

राजनीति

 

नेता जब बन जाओगे

 तुम बदल जाओगे

पैसा और रिश्ता गाओगे

चमचों दलालों को अपनाओगे

कार्यकर्ता, वoटर भूल जाओगे.

 

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विडंबना है भारी

सेवक बना राजा

खजाना किया खाली

मालिक हुआ भिखारी

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आखिर मन मर जाता है

और संघर्षरत इंसान

वर्तमान की नदी में बह जाता है।

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